सनातन धर्म में कोई भी कार्य बिना शुभ मुहूर्त को जाने नहीं किया जाता है। किसी भी मांगलिक कार्य को करने से पहले उनका शुभ मुहूर्त जानना बेहद जरूरी होती है। खासतौर पर शादी जो जीवन के सबसे महत्वपूर्ण समय में से एक है और यह हमारे शास्त्रों में वर्णित 16 संस्कारों का भी हिस्सा है। विवाह के लिए मुहूर्त का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि इसका असर हमारे जीवन के साथ-साथ उस कार्य पर भी पड़ता है।
जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है, क्योंकि जून में भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे। वहीं, नवंबर और दिसंबर में विवाह के शुभ मुहूर्त हैं।

जून 2025 के विवाह मुहूर्त
1 जून, रविवार
शुभ विवाह मुहूर्त:रात्रि 9:37 के बाद
नक्षत्र: मघा
तिथि: ज्येष्ठ शुक्ल षष्टी
ध्रुव योग: पूरे दिन
2 जून, सोमवार
शुभ विवाह मुहूर्त:सुबह 8:21 बजे से रात 8:34 बजे तक
नक्षत्र: मघा
तिथि : ज्येष्ठ शुक्ल सप्तमी
व्याघात योग: सुबह 08:20 तक
4 जून,बुधवार
शुभ विवाह मुहूर्त:सुबह 8:29 बजे से 5 जून को सुबह 5:23 बजे तक
नक्षत्र: उत्तराफाल्गुनी और हस्त नक्षत्र
तिथि: ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी
हर्षण योग : प्रातः 08:07 तक
5 जून, बृहस्पतिवार
शुभ विवाह मुहूर्त: प्रातः 05:23से प्रातः 09:14 तक
नक्षत्र: हस्त
तिथि: ज्येष्ठ शुक्ल दशमी
रवि योग: पूरे दिन
7 जून, शनिवार
शुभ विवाह मुहूर्त: प्रातः 09:40 से प्रातः 11:18 तक
नक्षत्र: स्वाति
तिथि: ज्येष्ठ शुक्ल द्वादशी
द्विपुष्कर योग: प्रातः 05:23 से प्रातः 09:40 तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: प्रातः 09:40 से प्रातः 05:23, जून 08
8 जून, रविवार,
शुभ विवाह मुहूर्त: दोपहर 12:18 से दोपहर 12:42 तक
नक्षत्र: विशाखा, स्वाति
तिथि: ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी
जून के बाद चार महीनों तक नहीं होंगे विवाह के शुभ मुहूर्त
इस साल 8 जून 2025 तक ही शादी के लिए शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं। इसके बाद करीब 145 दिनों तक कोई भी विवाह मुहूर्त नहीं रहेगा। 9 जून से लेकर 1 नवंबर 2025 तक विवाह जैसे मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। इसका मुख्य कारण चातुर्मास का प्रारंभ है, जो इस अवधि में आता है। चातुर्मास के दौरान शास्त्रों के अनुसार कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते। ऐसे में जून के बाद शादी करने की योजना बना रहे लोगों को लगभग चार महीने तक इंतजार करना होगा। अगला शुभ विवाह मुहूर्त 2 नवंबर 2025 से शुरू होगा।
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